कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

श्रद्धा को एक ही गम खाए जा रहा था कि आखिर वह कब तक बिनब्याही लिवइन पार्टनर के साथ बनी रहेगी. उसे विवाहिता का अस्तित्व कैसे मिलेगा? मुश्किल यह थी कि आफताब कोर्टमैरिज के लिए भी राजी नहीं था.

दिन बीतते रहे और नोकझोंक के साथ श्रद्धा और आफताब की जिंदगी भी आगे बढ़ती रही. एक दिन आफताब के डेटिंग ऐप पर आफताब की तरफ किसी लड़की की रिक्वेस्ट देखी तो वह चौंक गई. उस बारे में श्रद्धा ने पूछा.

आफताब ने इस का उस ने रूखेपन से जवाब दिया, ‘‘क्यों, कोई और मुझ से डेटिंग नहीं कर सकती क्या? तुम से अधिक मेरे इंस्टाग्राम पर फालोअर हैं. ब्लौग के व्यूअर्स लाख तक पहुंचने वाले हैं.’’

‘‘मेरे पूछने का तुम गलत अर्थ निकाल रहे हो, यह तो चोर की दाढ़ी में तिनका वाली बात हुई न,’’ श्रद्धा ने भी करारा जवाब दिया.

‘‘तुम को तो पता है न, बंबल पर फीमेल की रिक्वेस्ट ही मान्य होती है, मेल की नहीं. इस का मतलब तो साफ है न कि मैं ने उसे अप्रोच नहीं किया है, बल्कि उस ने मुझ से डेटिंग की रिक्वेस्ट की है. अब उसे रेसिपी सीखनी है तो इस में मैं क्या कर सकता हूं?’’ वह बोला.

बन गई नए ठिकाने की योजना

इस तकरार का अंत श्रद्धा के सौरी से हो गया, लेकिन मन अस्थिर बना रहा. दिमाग में संदेह के कुलबुलाते कीड़े को शांत नहीं कर पाई थी. साल 2022 आ गया. सब कुछ  पहले की तरह सामान्य होने लगा. घूमनेफिरने, बाजार, मौल, मल्टीप्लेक्स और टूरिज्म की मौजमस्ती के अड्डे  पर चहलपहल शुरू हो गई. आवागमन सामान्य हो गया.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 12 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...