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40 साल पहले सन 1979 में बौलीवुड की एक हौरर थ्रिलर फिल्म आई थी ‘जानी दुश्मन’.  निर्देशक राजकुमार कोहली की इस फिल्म में उस जमाने के फिल्मी सितारों की पूरी फौज थी. ‘जानी दुश्मन’ में संजीव कुमार, सुनील दत्त, शत्रुघ्न सिन्हा, जितेंद्र, विनोद मेहरा, अमरीश पुरी और प्रेमनाथ के अलावा 4 हीरोइनें थीं रीना राय, रेखा, नीतू सिंह और योगिता बाली.

इस सुपरहिट फिल्म में सस्पेंस भी था और भयावह दृश्य भी. कहानी के अनुसार फिल्म में ज्वाला प्रसाद का करेक्टर प्ले करने वाले रजा मुराद ने अपने सपनों की शहजादी से शादी की थी. लेकिन उस दुलहन ने सुहागरात को ही ज्वाला प्रसाद को जहर मिला दूध पिला कर उस की जान ले ली.

मृत्यु के बाद ज्वाला प्रसाद ने दैत्य का रूप धारण कर लिया. उसे लाल जोड़े में सजी दुलहनों से नफरत हो गई. वह दूसरों के शरीर में समा कर लाल जोड़े में सजी दुलहनों को डोली से उठा ले जाता था. इस फिल्म का गीत ‘चलो रे डोली उठाओ कहार पिया मिलन की ऋतु आई…’ आज भी शादियों में दुलहन की विदाई के समय बजाया जाता है.

जानी दुश्मन नाम से बाद में भी कई फिल्में बनीं. राजकुमार कोहली ने ही 2002 में ‘जानी दुश्मन: एक अनोखी कहानी’ नाम से फिल्म बनाई. इस में राज बब्बर, सनी देओल, रजत बेदी, शरद कपूर, मनीषा कोइराला, आदित्य पंचोली, अमरीश पुरी आदि कलाकार थे. लेकिन यह फिल्म 1979 वाली फिल्म जैसी कामयाबी हासिल नहीं कर सकी.

फिल्म ‘जानी दुश्मन’ का जिक्र हम ने इसलिए किया क्योंकि इस कहानी का घटनाक्रम भी काफी कुछ ऐसा ही है. दुलहन को डोली से उठा ले जाने की यह कहानी राजस्थान के सीकर जिले की है.

बीते 16-17 अप्रैल की आधी रात के बाद सात फेरे लेने के बाद ढाई पौने 3 बजे नागवा गांव में गिरधारी सिंह के घर से 2 बेटियों की बारातें विदा हुईं. ये बारातें मोरडूंगा गांव से आई थीं. मोरडूंगा निवासी भंवर सिंह की शादी गिरधारी सिंह की बड़ी बेटी सोनू कंवर से हुई थी और राजेंद्र सिंह की शादी छोटी बेटी हंसा कंवर से.

दोनों दुलहनें और उन के दूल्हे एक सजीधजी इनोवा कार में सवार थे. कार में दूल्हों के रिश्तेदार कृष्ण सिंह, शानू और दुलहन का भाई करण सिंह भी थे. ये लोग धोद हो कर मोरडूंगा जा रहे थे. बारात में आए अन्य रिश्तेदार और गांव के लोग पहले ही दूसरे वाहनों से जा चुके थे. केवल दूल्हा दुलहन और उन के 3 रिश्तेदार ही वैवाहिक रस्में पूरी कराने के लिए रुके रहे थे.

दूल्हा दुलहन विदा हो कर नागवा गांव से करीब 4 किलोमीटर दूर ही आए थे, तभी रामबक्सपुरा स्टैंड के पास एक बोलेरो और पिकअप में आए बदमाशों ने अपनी गाडि़यां दूल्हे दुलहनों की इनोवा कार के आगे पीछे लगा दीं. इनोवा में सवार दोनों दूल्हे और उन के रिश्तेदार कुछ समझ पाते, इस से पहले ही बोलेरो और पिकअप से 7-8 लोग लाठी सरिए ले कर उतरे. इन्होंने इनोवा कार को घेर कर तोड़फोड़ शुरू कर दी.

कार से दुलहन का अपहरण

मायके से विदा होने पर जैसा कि होता है दोनों बहनें घूंघट में सुबक रही थीं. उन्होंने तोड़फोड़ की आवाज सुन कर अपने चेहरे से घूंघट उठाया, लेकिन अंधेरा होने की वजह से उन्हें कुछ समझ में नहीं आया. इनोवा कार के अंदर जल रही मद्धिम रोशनी में बाहर कुछ नजर नहीं आ रहा था. तोड़फोड़ होती देख दोनों दुलहन बहनें सहम कर अपनेअपने दूल्हों के हाथ पकड़ कर बैठ गईं.

इनोवा के शीशे तोड़ने के बाद हमलावरों में से एक बदमाश ने पिस्तौल निकाल कर हवा में लहराते हुए कहा, ‘‘कोई भी हरकत की तो गोली मार देंगे.’’ इस के बाद वे कार में बैठे पुरुषों से मारपीट करने लगे. दोनों दूल्हों भंवर सिंह और राजेंद्र सिंह ने बदमाशों से मुकाबला करने की कोशिश की, लेकिन हथियारबंद बदमाशों के आगे उन के हौसले पस्त हो गए.

इस बीच एक बदमाश ने इनोवा का दरवाजा खोल कर दुलहन हंसा कंवर को बाहर खींच लिया. हंसा चीखने चिल्लाने लगी. यह देख हंसा की बहन सोनू ने बदमाशों से उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन वह उन से मुकाबला नहीं कर सकी. बदमाशों ने नईनवेली दुलहन सोनू कंवर से भी मारपीट की.

दूल्हों के रिश्तेदार मौसेरे भाई करण सिंह ने मोबाइल निकाल कर फोन करने की कोशिश की तो बदमाशों ने उस से मोबाइल छीन कर तोड़ दिया. बदमाशों ने हंसा कंवर को अपनी गाड़ी में बैठाया और दूल्हों व दुलहन सोनू कंवर के साथ उन के रिश्तेदारों को पिस्तौल दिखा कर धमकी दी. बदमाशों ने इनोवा कार की चाबी भी निकाल ली थी. इस के बाद बदमाश अपनी दोनों गाडि़यां दौड़ाते हुए वहां से चले गए.

यह सब मुश्किल से 10 मिनट के अंदर हो गया. बदमाशों के जाने के बाद दूल्हों ने मोबाइल फोन से नागवा गांव में अपनी ससुराल वालों को सूचना दी. कुछ ही देर में नागवा के कई लोग मोटरसाइकिलों पर वहां पहुंच गए. पुलिस को भी सूचना दे दी गई. थोड़ी देर बाद धोद थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई. पुलिस ने आसपास के इलाके में नाकेबंदी कराई, लेकिन बदमाशों का कोई पता नहीं चला.

दुलहन को डोली से उठा ले जाने की खबर कुछ ही घंटों में आग की तरह पूरे इलाके में फैल गई. जिस ने भी इस वारदात के बारे में सुना, सहम गया. ससुराल पहुंचने से पहले ही दुलहन को डोली से उठा ले जाने की ऐसी वारदात किसी ने न तो देखी थी और न सुनी थी. अलबत्ता लोगों ने फिल्मों में ऐसी घटनाएं जरूर देखी थीं.

इस घटना को ले कर 17 अप्रैल को सुबह से ही राजपूत समाज के लोगों में आक्रोश छा गया. नागवा गांव के कृष्ण सिंह ने धोद पुलिस थाने में अपने ही गांव के अंकित सेवदा और भड़कासली गांव के रहने वाले मुकेश रेवाड़ को नामजद करते हुए 5-6 अन्य लोगों के खिलाफ हंसा कंवर के अपहरण का मुकदमा दर्ज करा दिया.

पुलिस में दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा गया कि हंसा कंवर ने करीब 5 लाख रुपए के गहने पहन रखे थे, साथ ही उस के पास कन्यादान के 20 हजार रुपए नकद भी थे. आरोपी हंसा कंवर के साथ उस के गहने और नकदी भी ले गए. डोली से दुलहन को उठा ले जाने का मामला गंभीर था. पुलिस ने नामजद आरोपियों के परिजनों से पूछताछ की. उन से कुछ जानकारियां मिलने पर पुलिस ने 2 टीमें बना कर जयपुर और गाजियाबाद के लिए रवाना कर दीं.

पूरा राजपूत समाज एक साथ खड़ा हो गया

पुलिस की टीमें अपने तरीके से जांचपड़ताल में जुट गईं. मुख्य आरोपी चूंकि नागवा गांव का था, इसलिए गांव में पुलिस बल तैनात कर दिया गया ताकि कोई अनहोनी न हो. इस बीच यह मामला सीकर से ले कर जयपुर तक गरमा गया. दुलहन के अपहरण की सूचना मिलने पर उदयपुरवाटी के विधायक राजेंद्र गुढ़ा सीकर के राजपूत छात्रावास आ गए. वहां राजपूत समाज के प्रमुख लोगों की बैठक हुई.

इस के बाद लोगों ने सीकर कलेक्टर सी.आर. मीणा को ज्ञापन दे कर 18 अप्रैल को सुबह साढ़े 10 बजे तक दुलहन की बरामदगी और आरोपियों की गिरफ्तारी का अल्टीमेटम दे कर कहा कि अगर काररवाई नहीं हुई तो पूरा राजपूत समाज कलेक्ट्रैट के सामने धरने पर बैठ जाएगा. साथ ही लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा.

बाद में शाम को राजपूत समाज के लोगों ने सीकर में कलेक्टर और एसपी के बंगले के सामने प्रदर्शन किया. लोगों ने कहा कि 18 घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस आरोपियों का पता नहीं लगा सकी है. प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर जाम लगा कर नारेबाजी की. इस दौरान उदयपुरवाटी के विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने पैट्रोल छिड़क कर आत्मदाह करने का प्रयास किया. लेकिन समाज के लोगों ने विधायक को बचा लिया.

सूचना मिलने पर डीएसपी सौरभ तिवाड़ी, कोतवाल श्रीचंद सिंह और उद्योग नगर थानाप्रभारी वीरेंद्र शर्मा मौके पर पहुंच गए. पुलिस अधिकारियों ने विधायक को समझाया. राजपूत समाज के लोगों ने सीकर कलेक्टर को दिए गए ज्ञापन की शर्त पुलिस को भी बता दी कि अगर 18 अप्रैल को सुबह साढ़े 10 बजे तक दुलहन की बरामदगी और आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो कलेक्ट्रैट के बाहर धरनाप्रदर्शन किया जाएगा. पुलिस अधिकारियों के समझाने के बाद लोगों ने जाम हटाया और प्रदर्शन समाप्त कर दिया.

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