दुलहन के अपहरण का मामला तूल पकड़ता जा रहा था. लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया के दौरान हुई इस वारदात ने पुलिस के सामने चुनौती खड़ी कर दी थी. पुलिस के लिए चिंता की बात यह थी कि पूरा राजपूत समाज इस घटना को ले कर लामबंद होने लगा था.
पुलिस के सामने एक समस्या यह भी थी कि दुलहन के अपरहण का कारण स्पष्ट नहीं हो पा रहा था. इस तरह की वारदात किसी पुरानी रंजिश, लूट, दुष्कर्म या प्रेम प्रसंग के लिए की जाती हैं.
लेकिन इस मामले में स्पष्ट रूप से ऐसा कारण उभर कर सामने नहीं आ रहा था. पुलिस को जांचपड़ताल में इतना जरूर पता चला कि आरोपी अंकित सेवदा और दुलहन हंसा कंवर के परिवार के खेत आसपास हैं. दोनों के बीच प्रेम प्रसंग जैसा कोई सबूत सामने नहीं आया.
वारदात का तरीका भयावह था. पुलिस ने कई जगह दबिश दे कर 2-4 लोगों को हिरासत में लिया. दरजनों लोगों से पूछताछ की गई. इस के अलावा आरोपी अंकित सेवदा के मोबाइल नंबर को भी सर्विलांस पर लगा दिया गया.
18 अप्रैल को सीकर में सुबह से ही भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया. अपहृत दुलहन की बरामदगी और आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने से नाराज राजपूत समाज के लोगों ने सुबह 10 बजे सड़क पर जाम लगा दिया और नारेबाजी करते हुए कलेक्टर के बंगले के बाहर एकत्र हो गए.
सुबह से शाम तक करीब 7 घंटे प्रदर्शन जारी रहा. प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे राजपूत समाज के नेता पहले बैरीकेड्स पर चढ़ कर अपनी मांग करते रहे. बाद में वे जेसीबी मशीन पर चढ़ कर लोगों को संबोधित करने लगे. एकत्र लोग सड़क पर बैठ गए. एडीएम जयप्रकाश और एडीशनल एसपी देवेंद्र शास्त्री व तेजपाल सिंह ने उन्हें समझायाबुझाया.
इस दौरान जिला प्रशासन और पुलिस ने राजपूत समाज के प्रतिनिधियों से बात कर के आरोपियों को पकड़ने और दुलहन को बरामद करने के लिए 3 दिन का समय मांगा.
प्रदर्शन में उदयपुरवाटी के विधायक
राजेंद्र गुढ़ा, राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव गोगामेड़ी, राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महीपाल मकराना, पूर्व विधायक मनोज न्यांगली सहित राजपूत समाज के अनेक गणमान्य लोग शामिल रहे.
हालात पर नजर रखने के लिए जयपुर रेंज के आईजी एस. सेंगाथिर भी सीकर पहुंच गए थे. वे रानोली थाने में बैठ कर प्रदर्शनकारियों की गतिविधियों पर नजर रखते रहे. बाद में शाम को राजपूत समाज के लोगों ने राजपूत छात्रावास के पास टेंट लगा कर धरना देना शुरू कर दिया. पुलिस पूरी कोशिश में जुटी थी
राजपूत समाज के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए पुलिस ने दुलहन की बरामदगी के प्रयास तेज कर दिए. पुलिस की 5 टीमें 3 राज्यों में भेजी गईं. इस बीच पुलिस ने दुलहन का अपहरण करने के मामले में एक नामजद आरोपी भड़कासली निवासी मुकेश जाट के अलावा नेतड़वास के महेंद्र सिंह जाट, दुगोली निवासी राजेश बगडि़या उर्फ धौलिया और भड़कासली निवासी अशोक रेवाड़ को गिरफ्तार कर लिया.
इन से पूछताछ में पता चला कि दुलहन का अपहरण करने के बाद वे लोग अंकित और उस के साथियों से अलग हो गए थे. ये चारों धोद में छिपे थे. पुलिस ने इन से मुख्य आरोपी अंकित सेवदा के छिपने के संभावित ठिकानों के बारे में पूछताछ की. इसी के आधार पर पुलिस की टीमें विभिन्न स्थानों पर भेजी गईं.
19 अप्रैल को भी पुलिस अपहृत दुलहन की बरामदगी और आरोपियों को पकड़ने के प्रयास में जुटी रही. दूसरी ओर राजपूत समाज के आंदोलन को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए. सीकर शहर के सभी प्रवेश मार्गों पर सशस्त्र पुलिस तैनात की गई.
पुलिस को जांचपड़ताल में यह बात साफ हो गई थी कि दुलहन हंसा कंवर के अपहरण की साजिश उसी के गांव नागवा के अंकित ने रची थी. उस ने हंसा और उस की बड़ी बहन की शादी के दिन 16 अप्रैल की शाम अपने दोस्तों मुकेश रेवाड़, विकास भामू, महेंद्र फौजी, राजेश व अशोक आदि को तलाई पर बुलाया था. वहां उस ने सभी दोस्तों को शराब पिलाई.
योजनानुसार अंकित ने अपने एक साथी को गिरधारी सिंह के घर के बाहर बैठा दिया था. वह मोबाइल पर अंकित को शादी के हर कार्यक्रम की जानकारी दे रहा था. फेरे लेने के बाद रात ढाई पौने 3 बजे जैसे ही सोनू कंवर और हंसा कंवर अपने दूल्हों के साथ घर से विदा हुईं तो अंकित के साथी ने मोबाइल पर उसे यह खबर दे दी.
इस के बाद तलाई पर बैठे अंकित और उस के दोस्तों ने बोलेरो और पिकअप से दूल्हे दुलहनों की इनोवा कार का पीछा किया. रामबक्स स्टैंड पर इन लोगों ने उन की इनोवा को आगे पीछा गाड़ी लगा कर घेर लिया गया. अंकित ने हंसा को बाहर निकाला और वे सभी साथी बोलेरो में उस का अपहरण कर ले गए.
जांच में पुलिस को पता चला कि हंसा का अपहरण करने के बाद अंकित के दोस्त रास्ते में उतरते गए. अंकित, महेंद्र फौजी और विकास भामू हंसा को साथ ले कर नागौर जिले के जायल गांव गए. वहां से वे छोटी खाटू पहुंचे. फिर उन्होंने एक व्यक्ति से हिमाचल प्रदेश जाने के लिए इनोवा गाड़ी किराए पर मांगी.
लेकिन उस दिन ज्यादा शादियां होने के कारण इनोवा नहीं मिली. इस के बाद हंसा कंवर को साथ ले कर अंकित और विकास भामू छोटी खाटू से बस में बैठ कर जयपुर चले गए. महेंद्र फौजी बोलेरो ले कर नागवा आ गया था.
पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार चारों आरोपियों मुकेश रेवाड़, महेंद्र सिंह, राजेश बगडि़या और अशोक रेवाड़ को अदालत में पेश कर 5 दिन के रिमांड पर लिया.
आमने सामने थे राजपूत समाज के नेता और पुलिस
दुलहन के अपहरण की घटना को ले कर राजपूत समाज तीसरे दिन भी आंदोलित रहा. कलेक्टर के बंगले के सामने लगातार दूसरे दिन भी राजपूत समाज के लोग धरना देते रहे. समाज के नेताओं ने कहा कि धरना आरपार की लड़ाई तक जारी रहेगा.
विधायक राजेंद्र गुढ़ा के अलावा राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव गोगामेड़ी, राजपूत करणी सेना के महीपाल मकराना, पूर्व विधायक मनोज न्यांगली सहित राजपूत महासभा व करणी सेना के तमाम नेता धरने पर बैठे रहे. उधर दुलहन के अपहरण को ले कर नागवा गांव और उस की ससुराल मोरडूंगा में दोनों परिवारों में घटना के बाद से ही सन्नाटा पसरा रहा. दोनों परिवारों की शादियों की खुशियां काफूर हो गई थीं. नागवा में दुलहन के घर 4 दिनों से चूल्हा नहीं जला था. दुलहन की मां बारबार बेहोश हो जाती थी.
पूरे परिवार का रोरो कर बुरा हाल हो गया. दुलहन के पिता गिरधारी सिंह ने संदेह जताया कि आरोपी उस की बेटी की हत्या कर सकते हैं. अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के पदाधिकारियों ने नागवा में पीडि़त परिवार से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया और दोषियों को सख्त सजा दिलाने का भरोसा दिया.
इस बीच एक हिस्ट्रीशीटर कुलदीप झाझड़ ने दुलहन के अपहरण के मामले में एक वीडियो जारी कर प्रशासन को धमकी दे डाली. कई आपराधिक मामलों में फरार कुलदीप ने कहा कि पुलिस ने इस मामले में लापरवाही बरती है. अगर पुलिस आरोपियों को नहीं पकड़ सकती तो वह खुद उन्हें तलाश कर गोली मार देगा. उस के कई साथी आरोपियों की तलाश कर रहे हैं.