Social crime : जो लोग अपनी किसी परेशानी के चलते तंत्रमंत्र और तांत्रिकों, मौलवियों या ऐसे ही दूसरे धंधेबाजों के जाल में फंस जाते हैं, उन का हित कभी नहीं हो पाता. हां, अहित उन्हें अपने डैनों में जकड़ लेता है. कभीकभी तो जान तक चली जाती है. कुलदीप सिंह और उन के परिवार के साथ भी...
28 अगस्त, 2018 को मोहाली स्थित सीबीआई के माननीय जज एन.एस. गिल की विशेष अदालत में कुछ ज्यादा ही गहमागहमी थी. उस दिन एक ऐसे मामले का फैसला होना था, जिस में आरोपी ने कोई एकदो नहीं बल्कि 10 लोगों की हत्या की थी. न्याय पाने के लिए पीडि़त परिवार ने न केवल लंबी लड़ाई लड़ी थी बल्कि इस लड़ाई में अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया था. तब कहीं जा कर आज का दिन देखना नसीब हुआ था. 2 परिवारों के 10 लोगों की हत्या करने के बाद कातिल ने जब हत्याएं करने का मकसद बताया तो अदालत में मौजूद लोगों के होश उड़ गए.
सुहावी गांव के खुशविंदर सिंह उर्फ खुशी ने 14 साल पहले जून 2004 में पंजाब के फतेहगढ़ साहिब में एक ही परिवार के 4 सदस्यों की हत्या की थी. यह केस लंबी अवधि तक चलता रहा. आखिर सीबीआई की विशेष अदालत ने 28 अगस्त, 2018 को खुशविंदर को दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई. अदालत इस दोषी को पहले भी एक ही परिवार के 6 लोगों की हत्या करने के मामले में मौत की सजा सुना चुकी थी. आरोपी ने इस सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दया की अपील डाल रखी थी. जज एन.एस. गिल ने अपने फैसले में लिखा कि यह अपराध रेयरेस्ट औफ रेयर की श्रेणी का है. दोषी ने एक साथ परिवार के 4 सदस्यों को मौत के घाट उतारा है, जिस में 2 बच्चे भी शामिल थे, जिन्हें अभी दुनिया देखनी थी. ऐसी स्थिति में दोषी पर किसी भी कीमत पर रहम नहीं किया जा सकता.