जब रुद्राक्ष रोते हुए अपने घर जाने की जिद करने लगा तो अंकुर ने उसे क्लोरोफार्म युक्त रुमाल सुंघा कर बेहोश कर दिया. रुद्राक्ष के बेहोश होने पर अंकुर ने पुनीत हांडा के घर फोन कर के रुद्राक्ष के अपहरण करने की बात कही और 2 करोड़ रुपए की फिरौती मांगी. पुनीत ने अपने पास इतनी बड़ी रकम नहीं होने की बात कही तो उस ने कहा कि सुबह तक जितनी रकम का इंतजाम हो सके, कर लेना.
इस के बाद अंकुर बेहोश रुद्राक्ष को बारां रोड स्थित महालक्ष्मीपुरम के अपने अपार्टमेंट में ले गया. तब तक रुद्राक्ष को धीरेधीरे होश आने लगा था. अंकुर ने उसे फिर क्लोरोफार्म सुंघा दिया और हाथपैर बांध कर उसे अपार्टमेंट में लिटा दिया. इस के बाद वह ताला लगा कर अपने घर गया और खाना खाया.
दशहरा हालांकि गुजर चुका था, लेकिन कोटा में 10 अक्टूबर तक के लिए दशहरा मेला लगा था. उस रात यानी 9 अक्तूबर को मेले में विजयश्री रंगमंच पर भोजपुरी नाइट का आयोजन किया गया था, जिस में भोजपुरी गायिका रुचि सिंह और राकेश मिश्रा के गीतों की प्रस्तुति होनी थी. अंकुर पत्नी के साथ दूसरी कार से दशहरा मेला में भोजपुरी प्रोग्राम देखने चला गया.
जब वह दशहरा मेला देखने गया, तब तक पुलिस को रुद्राक्ष के अपहरण की सूचना मिल चुकी थी और पुलिस ने नाकेबंदी भी शुरू कर दी थी. इस से अंकुर को खतरा महसूस होने लगा. वह घर वापस पहुंचा और सब से पहले अपनी माइक्रा निशान कार के शीशों पर लगी काली फिल्म हटाई. क्योंकि इस कार से वह पकड़ में आ सकता था.