परिवार में कुल 4 लोग थे. मुकेश, उन की पत्नी सुमन, बड़ी बेटी रितु और छोटा बेटा आदित्य. आदित्य को प्यार से घर के लोग आदि कहते थे. बेटा और बेटी दोनों पढ़ते थे.
बेटे आदि के अपहरण की बात जान कर मुकेश परेशान हो गए. अपहर्त्ता कौन थे, यह भी पता नहीं था. वे 2 करोड़ रुपए मांग रहे थे. भले ही मुकेश का कारोबार अच्छा चल रहा था, लेकिन 2 करोड़ की रकम कोई मामूली थोड़े ही थी. वे सोचने लगे कि क्या करें और क्या नहीं करें. उन्हें कुछ सूझ नहीं रहा था. आदि के अपहरण का पता चलने के बाद से मुकेश, उन की पत्नी और बेटी के आंसू नहीं रुक पा रहे थे.
मुकेश इसी बात पर सोचविचार कर रहे थे कि रात करीब 8 बजे उन के मोबाइल की घंटी बजी.
उन्होंने तुरंत काल रिसीव कर कहा, ‘‘हैलो.’’
दूसरी तरफ से धमकी भरी आवाज आई, ‘‘मुकेश, हम ने तुम्हारे बेटे का अपहरण कर लिया है. बेटे को जिंदा देखना चाहते हो तो 2 करोड़ रुपए का इंतजाम कर लो. ध्यान रखना पुलिस
को सूचना दी, तो तुम्हारा बेटा जिंदा नहीं बचेगा.’’
‘‘तुम कौन हो? मेरा बेटा कहां है और उस से मेरी बात कराओ?’’ मुकेश ने घबराई हुई आवाज में काल करने वाले से एक साथ कई सारे सवाल पूछे.
‘‘हम बहुत खतरनाक लोग हैं. तुम्हारा बेटा हमारे पास ही है, उस से बात भी करा देंगे. लेकिन तुम कल तक पैसों का इंतजाम कर लो.’’ काल करने वाले ने यह कह कर फोन काट दिया.
पहले सुमन और इस के बाद मुकेश के पास आए फोन से यह साफ हो गया था कि आदि का अपहरण हो गया है. लेकिन यह पता नहीं चला था अपहर्त्ता कौन हैं? वे 2 करोड़ रुपए की रकम मांग रहे थे, जो मुकेश की हैसियत से बहुत ज्यादा थी.