मुनव्वर की किसी ने हत्या कर दी थी. वह लहूलुहान कमरे में पड़ा था. बंटी के चीखने की आवाज सुन कर पड़ोस के लोग आ गए. मुनव्वर की हत्या पर सभी हैरान थे कि इतने दबंग आदमी की हत्या किस ने कर दी? बंटी ने इस की खबर पुलिस कंट्रोल रूम को दी. कुछ ही देर में पुलिस कंट्रोल रूम की वैन आ पहुंची. सूचना पा कर थाना बुराड़ी के अतिरिक्त थानाप्रभारी नरेश कुमार भी पुलिस बल के साथ आ पहुंचे.
पुलिस ने क्राइम इनवैस्टीगेशन टीम को भी बुला लिया था. टीम ने मौके से सबूत जुटा लिए. पुलिस ने काररवाई शुरू की. मुनव्वर को 3 गोलियां मारी गई थीं. उस के घर का सारा सामान यथावत था, इसलिए लूट की आशंका का कोई सवाल ही नहीं था. जिस तरह से उस पर गोलियां चलाई गई थीं, उस से यही लग रहा था कि हत्यारों का मकसद सिर्फ उस की हत्या करना था. उस की हत्या कर के वे वहां से चले गए थे.
उस बिल्डिंग में रहने वाले अन्य लोगों से बात की गई तो किसी ने भी गोली चलने की आवाज सुनने से इनकार कर दिया था. सूचना पा कर उत्तरी जिले के डीसीपी जतिन नरवाल भी आ गए थे. मौकामुआयना करने के बाद उन्होंने भी लोगों से मुनव्वर के बारे में जानकारी हासिल की.
मुनव्वर के बीवीबच्चे पहले से ही गायब थे. अब उसे भी ठिकाने लगा दिया गया था. कहीं यह परिवार किसी की साजिश का शिकार तो नहीं हो गया, पुलिस अधिकारी आपस में इस बात पर चर्चा करने लगे. पुलिस ने मौके की जरूरी काररवाई कर के लाश को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया. डीसीपी जतिन नरवाल ने इस मामले को सुलझाने के लिए एसीपी सिविल लाइंस इंद्रावती के नेतृत्व में एक पुलिस टीम बनाई. यह टीम अलगअलग दृष्टिकोण से केस की जांच करने में जुट गई.