मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड अंचल में पन्ना जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर बड़खेरा गांव के पुरुषोत्तम की शादी की उम्र निकल चुकी थी. वह 33 साल का हो गया था. उस के पिता पंडित सुक्कन पटेरिया उस की शादी को ले कर बहुत चिंतित थे.

वह खेतीबाड़ी का काम करते थे. चिंता का एक कारण और था कि बड़े बेटे पुरुषोत्तम की शादी नहीं हो पाने के कारण उस से छोटे 2 भाइयों की उम्र भी निकलती जा रही थी.

पुरुषोत्तम के लिए उस की मां और पिता दोनों ही बहुत परेशान रहते थे. वे रिश्तेदारों की मदद से पुरुषोत्तम के लिए लड़की तलाश कर थक चुके थे. इस वजह से पुरुषोत्तम भी मानसिक तनाव में रहने लगा था.

उस की शादी नहीं हो पाने का एक कारण उस की पढ़ाई भी थी. वह कुल 10वीं जमात तक ही पढ़ा था. इसलिए उसे कोई लड़की ब्याहने को तैयार नहीं था.

लौकडाउन से पहले मार्च 2020 की बात है. पुरुषोत्तम टीकमगढ़ जिले के टीला गांव में एक रिश्तेदार के यहां गया था. वहीं उस की मुलाकात गांव के मुन्ना तिवारी से हुई.

उस ने बातचीत के दौरान मुन्ना तिवारी से कहा, ‘‘तिवारीजी, मेरे पिताजी मेरी शादी को ले कर परेशान रहते हैं. आप की नजर में कोई लड़की इधर हो तो बताइए.’’

मुन्ना तिवारी ने छूटते ही कहा, ‘‘क्यों नहीं भाई, लगता है तुम्हारी मुराद पूरी हो गई है. देखो, मेरी एक रिश्तेदारी में भी 30 साल की युवती पूजा कुंवारी बैठी है. तुम कहो तो मैं बात उस से करूं?’’

‘‘अरे तिवारीजी, इस में पूछने की क्या बाता है? आज ही बात करो न उस के पिता से.’’ पुरुषोत्तम चहकते हुए बोला.

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