Social Crime story : तमाचे के कई रंग होते हैं, अगर कमजोर या गरीब के गाल पर पड़े तो वह मन मसोस कर रह जाता है, लेकिन यही तमाचा किसी समृद्ध व्यक्ति के गाल पर पड़े तो वह लाशें भी बिछवा सकता है. महेंद्र सिंह पूनिया और हरवीर की दुश्मनी बस एक तमाचे की थी, जो...   

राजस्थान के जिला बीकानेर की सेंट्रल जेल में 3500 कैदियों के रखने की क्षमता है, लेकिन यहां फिलहाल  1500 कैदी ही हैं. सरकार भले ही जेलों को सुधार गृह की उपमा दे, पर अंदर की सच्चाई इस से इतर है. विभिन्न आरोपों में जितने लोग जेल भेजे जाते हैं, उन में से अधिकांश लोग सुधरने के बजाय और ज्यादा कुख्यात हो कर आते हैं. बीकानेर जेल में कम से कम 10 ऐसे हार्डकोर अपराधी चिह्नित किए जा सकते हैं, जिन के एक धमकी भरे फोन से सामने वाला बिना किसी नानुकुर के लाख-2 लाख रुपए उस के गुर्गे के पास पहुंचा देता है. यह भी एक कटु सत्य है कि जेल के अंदर जेल प्रशासन की जगह इन हार्डकोर अपराधियों का ही राज चलता है. नए आने वाले कैदियों को डराधमका कर उन के परिजनों से चौथ वसूली मामूली सी बात है.

बीकानेर जेल में एक ऐसा ही कैदी था अजीत यादव. अजीत यादव झुंझुनू जिले का हार्डकोर क्रिमिनल था. हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे अजीत के खिलाफ विभिन्न अदालतों में लगभग एक दरजन मुकदमे विचाराधीन हैं. एक तरह से अजीत यादव जेल में बौस थासन 2017 की एक घटना है. रावतसर के चाइया निवासी रामनिवास जाट ने रंजिश के चलते एक टोलनाका कर्मी से मारपीट कर के टोलनाका पर लगे बैरियर को तोड़ दिया था. बाद में महाजन थाने की पुलिस ने रामनिवास को गिरफ्तार कर बीकानेर जेल में भिजवा दिया था.

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