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हमारे समाज में ऐसी औरतें या लड़कियां कम नहीं हैं, जो अपने किसी न किसी हथकंडे से मर्दों को पा कर ही रहती हैं. ऐसी औरतें सोचती हैं कि अगर वे किसी को अपना जिस्म सौंप कर उन्हें मजे दे देंगी, तो इस से उन का बिगड़ेगा भी क्या? 24 साला सुचित्रा अंगरेजी में एमए और फिर बीऐड करने के बाद भी सरकारी टीचर नहीं बन पाई, तो उस ने तमाम प्राइवेट स्कूलों में टीचर की नौकरी के लिए आवेदन देना शुरू कर दिया. सुचित्रा पिछड़ी जाति की थी, इसलिए उसे बहुत सी जगह रखा ही नहीं गया. जब उसे अपने शहर के स्कूलों में नौकरी नहीं मिल पाई, तो उस ने गांवों के निजी स्कूलों में आवेदन भेजना शुरू कर दिया था. वहां ऊंची जाति की औरतें नौकरी के लिए नहीं जाती थीं.

जब अपने शहर से डेढ़ सौ किलामीटर दूर एक कसबेनुमा गांव के निजी स्कूल में नौकरी मिली, तो सुचित्रा ने उसे स्वीकर कर लिया था. स्कूल के मैनेजर ने सुचित्रा के रहने का इंतजाम अपने गांव के सेना एक रिटायर्ड अफसर लाखन सिंह के मकान में कर दिया था.

50 साला मकान मालिक लाखन सिंह अपने मकान में अकेले ही रहते थे. उन का बेटा अपने परिवार के साथ किसी बड़े शहर में रहता था. लाखन सिंह ने अपने मकान के चौक में पानी के लिए बोरिंग लगा रखा था. जब वे नहाते थे, तब उन के गठीले बदन को देख कर सुचित्रा का दिल उन्हें पाने को मचल उठता था. एक रात जब लाखन सिंह शौच के लिए जाने लगे, तो उन्होंने बैड पर सोती हुई सुचित्रा को झीने कपड़ों में देखा.

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