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सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन 2011 में प्रीति नाम की एक लड़की को खरीदने के आरोप में उसे 24 साल तक जेल की सलाखों के पीछे रहने की सजा मिलेगी, यह उस ने कभी नहीं सोचा था.

दरअसल, उन दिनों प्रीति 13 साल की थी. जब वह कोंडली में स्थित दिल्ली सरकार के स्कूल में 7वीं कक्षा में पढ़ती थी. गरीब परिवार में जन्मी प्रीति के पिता एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते थे.

अभावों में पलीबढ़ी लेकिन सूरत व शरीर से बेहद खूबसूरत प्रीति की दोस्ती स्कूल आतेजाते संदीप बेलवाल से हो गई, जो उस से 4-5 साल बड़ा था.

संदीप कभी उसे कार तो कभी मोटरसाइकिल से घुमाने लगा. संदीप से प्रभावित होने के बाद प्रीति उस के प्यार में कुछ ऐसी दीवानी हो गई कि वह उस पर आंख बंद कर के भरोसा करने लगी.

एक दिन इसी विश्वास में प्रीति संदीप के साथ उस के जन्मदिन की पार्टी मनाने नजफगढ़ में उस की किसी सीमा आंटी के पास चली गई. बस यही उस के जीवन की सब से बड़ी भूल थी.

संदीप ने उस दिन कोल्डड्रिंक में उसे कोई मदहोश करने वाली दवा पिला कर उस की इज्जत को तारतार कर दिया. इतना ही नहीं वह उसे सीमा आंटी के पास एक लाख रुपए में बेच कर चला गया. बाद में उसे पता चला कि सीमा आंटी देहव्यापार करने वाली औरत थी और संदीप उस के साथ जुड़ा था.

इस के बाद शुरू हुआ प्रीति की जिंदगी में हर रोज होने वाले यौनशोषण का ऐसा सिलसिला जो कई साल तक चला.  सीमा आंटी ने करीब एक साल तक जबरन प्रीति से जिस्मफरोशी का धंधा कराने के बाद उसे एक दिन साउथ दिल्ली में रहने वाली सोनू पंजाबन के सुपुर्द कर दिया.

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