नटवरलाल भले ही अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उस की ठगी के किस्से आज भी मशहूर हैं. नटवरलाल को 20वीं सदी में हिंदुस्तान का सब से बड़ा ठग कहा गया. उस का असली नाम मिथलेश श्रीवास्तव था.
वह बिहार का रहने वाला था. वह अपनी बातों से ही लोगों को ऐसा प्रभावित करता था कि लोग उस की ठगी के जाल में फंस जाते थे. उस ने कभी खूनखराबा नहीं किया. अपनी बुद्धि की ताकत पर वह लोगों से ठगी करता था. और तो और, उस ने संसद भवन और ताजमहल तक का सौदा कर दिया था.
अपने ठगी के कारनामों से वह इतना मशहूर हो गया कि लोग उसे उस के असली नाम से नहीं, बल्कि नटवरलाल के नाम से जानते थे. नटवरलाल का मतलब ठगी करने वाला.
21वीं सदी में भारत में भी तरहतरह के ठग पैदा हो गए. अब रोजाना नएनए तरीकों से ठगी के किस्से सामने आते हैं. आजकल सब से ज्यादा साइबर ठग सक्रिय हैं. खास बात है कि अनपढ़ और बहुत कम पढ़ेलिखे लोग जब मंत्रियों, आईएएस/आईपीएस अफसरों और जजों के अलावा नामी उद्योगपतियों तक को अपना शिकार बनाते हैं तो ताज्जुब होता है.
इन साइबर ठगों को साइलेंट किलर कहा जा सकता है, जो बिना कोई खूनखराबा किए लोगों का पैसा हड़प लेते हैं.
अब एक नया नटवरलाल सामने आया है. नाम है सुकेश चंद्रशेखर. सिर्फ 12वीं तक पढ़ेलिखे सुकेश की ठगी के किस्से इन दिनों हिंदुस्तान की हाई सोसायटी में सब से ज्यादा मशहूर हो रहे हैं.
मासूम सा नजर आने वाला सुकेश देश के नामी उद्योगपतियों और बिजनेसमैन के परिवारों के अलावा नेताओं से अब तक सैकड़ों करोड़ रुपए की ठगी कर चुका है.