जून 2019 में जब मेरिन जोसेफ की नियुक्ति बतौर डिस्ट्रिक्ट पुलिस सुपरिंटेंडेंट केरल के जिला कोल्लम में हुई तो वह महिलाओं और बच्चों के प्रति होने वाले अपराधों को ले कर सब से ज्यादा चिंतित थीं. ऐसे अपराधों का ग्राफ काफी बढ़ा हुआ था. मेरिन को लगा कि वहां ऐसे अपराधों को मामूली समझ कर दरकिनार कर दिया जाता होगा. पुराने केसों पर ठीक से काररवाई नहीं की गई होगी, मुलजिम पकड़े नहीं गए होंगे. इसीलिए उन्होंने ऐसे केसों की पुरानी फाइलें मंगवाईं.
मेरिन ने जब उन केस फाइलों की स्टडी की तो उन में एक फाइल सुनील भद्रन की भी थी. केस के अनुसार सुनील भद्रन सऊदी अरब के रियाद की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में टाइल्स लगाने का काम करता था. वह 2017 में छुट्टी ले कर केरल आया और अपने एक दोस्त के घर ठहरा.
दोस्त ने उस का परिचय अपनी बहन के परिवार से कराया. सुनील की नजर दोस्त की 13 साल की भांजी पर पड़ी तो उस की नीयत खराब हो गई. उस ने दोस्त की बहन के परिवार से संबंध बढ़ाने शुरू कर दिए.
सुनील ने अपने टारगेट को बहकाफुसला कर नजदीकियां बढ़ाईं. उसे खानेपीने, पहनने की चीजें ला कर देना शुरू किया. बहकाने के लिए रियाद के किस्से सुनाने लगा.
रियाद ले जाने के सपने दिखाने लगा. जब लड़की बहकावे में आ गई तो वह आए दिन उस के साथ बलात्कार करने लगा. यह सिलसिला शायद आगे भी चलता रहता, लेकिन बच्ची ने इसे बुरा काम समझ कर घर वालों से शिकायत कर दी. यह खबर सुन कर सुनील भद्रन फरार हो गया.