उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के नौशाद नामक शख्स के गेहूं के खेत में 11 अप्रैल, 2016 की सुबह लोगों ने एक नौजवान की लाश देख कर पुलिस को सूचना दी. तकरीबन 30 साला नौजवान खून से लथपथ था. उस की हत्या किसी धारदार हथियार से गरदन काट कर की गई थी. उस की पैंट भी नदारद थी. पुलिस नौजवान की शिनाख्त कराने में नाकाम रही. मामला दर्ज कर के पुलिस ने जांचपड़ताल शुरू कर दी. कई दिनों तक कोई नतीजा नहीं निकला.

इधर 16 अप्रैल, 2016 को दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके के कुछ लोग थाना कोतवाली पहुंचे. उन लोगों के मुताबिक, उन के परिवार का एक नौजवान ब्रजेश यादव लापता था. उन्हें पता चला कि उन के यहां कोई लाश मिली है.

पुलिस ने फोटो और बरामद सामान दिखाया, तो मृतक की पहचान ब्रजेश के रूप में हो गई.

पुलिस को ताज्जुब यह था कि वे लोग दिल्ली से बागपत किस सूचना पर पहुंचे थे. ब्रजेश के परिवार वालों ने अपने साथ आए नौजवान की ओर इशारा कर के बताया कि वह तांत्रिक है और उस के सिर पर आए जिन्न ने ही बताया था कि लापता ब्रजेश बागपत में यमुना किनारे मरा मिला है.

पुलिस को उस तथाकथित तांत्रिक की हरकतें कुछ ठीक नहीं लगीं, तो उसे हिरासत में ले लिया गया. उस तांत्रिक से सख्ती से पूछताछ हुई, तो मामला खुला.

यों उलझे जाल में

दरअसल, गिरफ्तार तांत्रिक इलियास बागपत इलाके का ही रहने वाला था. आवारागर्दी और ठगबाज लोगों की संगत ने उसे पाखंडी बना दिया. उस ने दाढ़ी बढ़ाई और सफेद कपड़े पहन कर तंत्रमंत्र के ढोंग कर लोगों को ठगना शुरू कर दिया. उस ने अपने कई आवारा दोस्त भी अपने साथ मिला लिए, जो उस के चमत्कार के किस्से लोगों को मिर्चमसाला लगा कर सुनाते थे.

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