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स्कूल बस को अगले पिकअप पौइंट से और बच्चे लेने थे. जैसे ही बस उस स्टाप पर पहुंची तो विहान का अपहरण करने के लिए उन्होंने बस के पास अपनी बाइक रोक दी. लेकिन इस से पहले कि वे कुछ कर पाते, बस वहां से निकल गई. बस के अगले स्टाप पर बच्चे को किडनैप करने के लिए जैसे ही वे आगे बढ़े, उसी समय राह चलते कुछ लोग बीच में आ गए. तब तक स्कूल बस आगे निकल गई.

इस के बाद स्कूल बस दिलशाद गार्डन सी ब्लौक फ्लैटों के पीछे के गेट के सामने रुकी. इस के सामने इहबास अस्पताल का गेट नंबर-1 है. रवि और पंकज बाइक से पीछा करते हुए वहां पहुंच गए. दहशत फैलाने के लिए उन्होंने बस के ड्राइवर नरेश थापा के पैर में गोली मारी. इस के बाद उन्होंने बस के गेट पर खड़ी आया को धक्का दे दिया. तभी उन्होंने गेट से ही विहान को आवाज लगाई तो विहान अपनी सीट से खड़ा हो गया. रवि और पंकज ने विहान को उठा कर अपनी बाइक पर बैठा लिया.

मोटरसाइकिल पर विहान को बीच में बैठा कर वे आनंदविहार होते हुए शालीमार सिटी, साहिबाबाद स्थित उसी फ्लैट पर ले गए जो नितिन ने 6 महीने पहले किराए पर लिया था. नितिन उन का फ्लैट पर ही इंतजार कर रहा था.

वहां ले जा कर उन्होंने विहान को इतना डराधमका दिया, जिस से वह सहमा हुआ रहे. उन का इरादा बच्चे को कोई नुकसान पहुंचाना नहीं था. वह तो किसी तरह उस के घर वालों से फिरौती वसूलना चाहते थे.

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