Social Crime : मजेमजे में कई लोग देह व्यापार करने वाली औरतों के पास चले जाते हैं, जबकि ऐसी औरतों से संबंध बनाना बड़े खतरे को दावत देने जैसा है. इस की वजह है सैक्स शिक्षा का अभाव...

देह के धंधे का अहम पहलू ग्राहक होता है. ज्यादातर मामलों में यह साबित हुआ है है कि देह का धंधा केवल इस धंधे में शामिल लड़कियों या औरतों के लिए ही घातक होता है. जबकि हकीकत यह है कि देह का यह धंधा, इस धंधे में शामिल लड़कियों से अधिक ग्राहकों के लिए नुकसानदायक होता है. कुछ पल के मानसिक सुख के बदले ग्राहक को केवल अपना आर्थिक ही नहीं बल्कि सामाजिक नुकसान भी उठाना पड़ता है. इस के साथसाथ वह अपनी सेहत के साथ भी खिलवाड़ करता है. जिस शारीरिक सुख की कल्पना में वह कालगर्ल या वेश्या के पास जाता है, उस में भी वह ठगा ही महसूस करता है. इस शौक में फंसे लोग बताते हैं कि जब तक वह उन के पास रहते हैं तब तक एक अनजाना सा डर लगा रहता है. पुलिस जब भी ऐसे धंधा करने वालों को पकड़ती है तो सब से खराब हालत ग्राहक की ही होती है.

एक तो ग्राहक पहले ही देहधंधा करने वालों की लूट का शिकार बनता है. उस के बाद अगर पुलिस ने उसे पकड़ लिया तो वह भी कुछ वसूले बिना नहीं छोड़ती. आजकल होटलों में ऐसे धंधे खूब होने लगे हैं. जिस में होटल में कमरा पहले से बुक होता है. लड़की वहां पहले से होती है. ग्राहक वहां जाता है और 2 से 4 घंटे बिता कर चला आता है. देहधंधा कराने वाले 24 घंटे के लिए बुक कमरे में शिफ्ट के अनुसार 3 ग्राहकों तक का इंतजाम कर लेते हैं. ऐसे ही एक होटल में जाने वाले ग्राहक ने बताया, ‘‘जब मैं कमरे से निकल कर होटल से बाहर जाने लगा तो होटल के वेटर और मैनेजर ने रोक कर कहा कि असली सेवक तो वही हैं. उन का भी कुछ हक बनता है. उन्होंने मुझ से 500 रुपए टिप के नाम पर ले लिए.’’

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