इसी साल 22 मई की बात है. सुबह के करीब सवा 5 बजे होंगे. श्रीगंगानगर शहर के जवाहरनगर इलाके में मीरा चौक के पास स्थित मेटेलिका जिम के बाहर एक कार आ कर रुकी. इस कार में 5 युवक सवार थे. इन में से 2 युवक कार में ही बैठे रहे और 3 जिम की तरफ बढ़ गए.

जिम का मेनगेट खुला था. तीनों युवक जिम के औफिस में चले गए. जिधर एक्सरसाइज करने की मशीनें लगी हुई थीं, वहां के दरवाजे का लौक बायोमेट्रिक तरीके से बंद था. इस गेट के पास सोफे पर ट्रेनर साजिद सो रहा था. उन तीनों युवकों में से एक युवक ने साजिद को जगाया और उसे पिस्तौल दिखाते हुए गेट खोलने को कहा. साजिद ने मना किया तो उन्होंने उसे जान से मारने की धमकी दी. डर की वजह से घबराए साजिद ने बायोमेट्रिक मशीन में अंगुली लगा कर गेट खोल दिया.

गेट खुलते ही 2 युवक जिम के अंदर घुस गए और तीसरे युवक ने साजिद से उस का मोबाइल छीन कर तोड़ दिया. फिर तीसरा युवक भी जिम में घुस गया. जिम के अंदर विनोद चौधरी उर्फ जौर्डन मशीनों पर एक्सरसाइज कर रहा था. ज्यादा सुबह होने के कारण उस समय जिम में वह अकेला ही था.

जिम में घुसे तीनों युवकों ने पिस्तौलें निकालीं और विनोद को निशाना बना कर दनादन गोलियां दाग दीं. विनोद निहत्था था, उस ने जिम का शीशा तोड़ कर बाहर भागने की कोशिश की, लेकिन वह कामयाब नहीं हो सका.

लगातार गोलियां लगने से विनोद के शरीर से खून बहने लगा और वह छटपटाता हुआ एक तरफ लुढ़क गया. मुश्किल से 8-10 मिनट में विनोद को मौत के घाट उतार कर वे तीनों युवक वहां से चले गए. यह वारदात पुलिस चौकी से मात्र 200 मीटर की दूरी पर हुई थी.

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