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पुलिस टीमों ने शहर के बाहर शिवली, घाटमपुर, महाराजपुर, जहानाबाद आदि कस्बों में टप्पेबाजी करने वालों की तलाश की. जेल से छूटे पुराने टप्पेबाजों को भी हिरासत में ले कर पूछताछ की गई, लेकिन कोई ऐसी जानकारी नहीं मिल सकी, जिस से संजय पाल से की गई टप्पेबाजी का खुलासा हो पाता.

पैट्रोल पंप मालिक संजय पाल के साथ हुई टप्पेबाजी की वारदात एसपी (दक्षिण) रवीना त्यागी के क्षेत्र में हुई थी, इसलिए वह इस वारदात को ले कर कुछ ज्यादा प्रयासरत थीं. उन के दिशा निर्देश में काम कर रही टीम रातदिन एक किए हुए थी. सर्विलांस टीम भी उन के साथ काम कर रही थी.

सर्विलांस टीम ने पुलिस टीम के साथ संजय पाल के घर से घटनास्थल तक मोबाइल टावर डेटा फिल्टरेशन की मदद ली. इस में एक नंबर ऐसा निकला जो वारदात के वक्त घटनास्थल पर एक्टिव था. उस नंबर की लोकेशन यशोदा नगर हाइवे से उन्नाव की ओर मिली थी, इसलिए सर्विलांस टीम ने उस नंबर को लिसनिंग पर लगा दिया.

29 दिसंबर को उस नंबर धारक ने लखनऊ में रहने वाले एक साथी से बात की, जिसे पुलिस ने सुन लिया. इस के बाद एसपी (दक्षिण) रवीना त्यागी की टीम ने मोबाइल लोकेशन के जरिए आलमबाग, लखनऊ से 2 युवकों को धर दबोचा.

रवीना त्यागी ने जब इन युवकों से पूछताछ की तो उन्होंने अपना नाम विनेश और विकास बताया. इन दोनों से रवीना त्यागी ने संजय वन रोड पर हुई 10.69 लाख की टप्पेबाजी के बारे में पूछा तो दोनों साफ मुकर गए. लेकिन जब उन्हें थाना किदवई नगर लाया गया और पुलिसिया अंदाज में पूछताछ हुई तो दोनों टूट गए. उन्होंने 10.69 लाख रुपए की टप्पेबाजी स्वीकार कर ली. उन दोनों ने बताया कि उन का टप्पेबाजी का गैंग है. गैंग के अन्य सदस्य झकरकटी बसअड्डा स्थित गणेश होटल में ठहरे हुए हैं.

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