बड़ी अजीब दास्तां है आशू की. लोगों ने उसे औरत और मर्द के बीच तो बांट दिया, लेकिन उस की चाहत, उस के दर्दको कोई नहीं समझना चाहता. आशू यानी आशीष कुमार जब सजधज कर निकलता है तो युवक ही नहीं, बड़ेबूढ़े भी उसे देखते रह जाते हैं. उस के रूप सौंदर्य पर लोग इस कदर मोहित हो जाते हैं कि उसे जीवनसाथी के रूप में पाने की कल्पना करने लगते हैं. यही नहीं, जब वह कातिल अदाओं के साथ स्टेज पर नृत्य करता है तो नवयुवकों के साथ बुड्ढे भी बहकने लगते हैं. आशू के इन गुणों को देख कर लगता है कि वह कोई लड़की है.

लेकिन ऊपर जो नाम लिखा है, उस से साफ पता चलता है कि वह लड़की नहीं, लड़का है. इलाहाबाद का बहुचर्चित डांसर एवं ब्यूटीशियन आशीष कुमार उर्फ आशू बेटे के रूप में पैदा हुआ था, इसीलिए घर वालों ने उस का नाम आशीष कुमार रखा था. बाद में सभी उसे प्यार से आशू कहने लगे थे. लेकिन लड़का होने के बावजूद उस का रूपसौंदर्य ही नहीं, उस में सारे के सारे गुण लड़कियों वाले हैं. आशू का जन्म उत्तर प्रदेश के जिला इलाहाबाद के मोहल्ला जीटीबीनगर में रहने वाले विनोद कुमार शर्मा के घर हुआ था. पिता इलाहाबाद में ही व्यापार कर विभाग में बाबू थे.

परिवार शिक्षित, संस्कारी और संपन्न था. 4 भाइयों और 2 बहनों में तीसरे नंबर का आशू पैदा भले ही बेटे के रूप में हुआ था, लेकिन जैसेजैसे वह बड़ा होता गया, उस में लड़कियों वाले गुण उभरते गए. उस के हावभाव, रहनसहन एवं स्वभाव सब कुछ लड़कियों जैसा था. वह लड़कों के बजाय लड़कियों के साथ खेलता, उन की जैसी बातें करता. जब कभी उसे मौका मिलता, वह अपनी बहनो के कपड़े पहन कर लड़कियों की तरह मेकअप कर के आईने में स्वयं को निहारता. मां और बहनों ने कभी उसे रोका तो नहीं, लेकिन उस के भविष्य को ले कर वे चिंतित जरूर थीं.

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