निक अब दिन भर खाली था. वह गिलोरिया को एक बेहतरीन होटल में खाना खिलाने ले गया. शाम को दोनों एक संगीत के प्रोग्राम में चले गए. जो रात के 9 बजे तक चलता रहा. अपार्टमेंट पहुंच कर उस ने कमोडोर रेस्टोरेंट में फोन किया. इत्तफाक से दूसरी ओर मिसेज गिलबर्ट ने ही फोन उठाया.
‘‘मैं निकोलस बोल रहा हूं.’’ निक ने कहा, ‘‘मैं ने मिस्टर माइकल से बात की थी. उस ने मुआवजे की रकम दोगुनी कर दी है. यानि 2 हजार.’’
‘‘लेकिन मैं ने 3 हजार की मांग की थी.’’
‘‘तुम 3 के बजाय 30 हजार की मांग भी कर सकती थीं. लेकिन माइकल का कहना है कि वह 2 हजार से ज्यादा नहीं दे सकता. अगर तुम्हें मंजूर हो तो बोलो वरना आइंदा के लिए हम कहीं और इंतजाम कर लेंगे.’’
‘‘ठीक है.’’ मिसेज गिलबर्ट ने दुखी मन से कहा, ‘‘फिलहाल 2 हजार ही ठीक हैं.’’
‘‘जहाज के बारे में क्या रिपोर्ट है?’’
निक ने महसूस किया कि मिसेज गिलबर्ट ने जवाब देने में कुछ हिचकिचाहट दिखाई. वह गंभीर हो कर बोली, ‘‘जहाज शेड्यूल से पहले पहुंच गया है. पैकेज थोड़ी देर पहले ही मिला है, लेकिन डिलिवरी के लिए तुम्हें कल तक इंतजार करना पड़ेगा.’’
‘‘कल तक क्यों?’’
‘‘मुझे नहीं मालूम. सच पूछो तो पाल ने मुझे पैकेज के बारे में बताने से भी मना किया था.’’
‘‘हमें भी कोई खास जल्दी नहीं है.’’ निक ने कहा, ‘‘कल किसी समय सही.’’
‘‘सुनो, पाल से इस बात का जिक्र मत करना.’’
‘‘नहीं करूंगा, वैसे गिलबर्ट इस वक्त कहां है?’’
‘‘ऊपर औफिस में बैठा है.’’
‘‘क्या इसी फोन पर संपर्क किया जा सकता है?’’