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तीनों बैंकों से कुल मिला कर लगभग 65 लाख की लूट हुई थी. किसी भी बैंक में 21 लाख से कम की रकम नहीं थी, जो इन तीनों दोस्तों की कल्पना के अनुरूप ही थी. तीनों लूट के बाद एकदूसरे से अनजान अलगअलग शहर में चले गए.

दूसरे दिन देश के सभी अखबारों और न्यूज चैनलों और सोशल मीडिया पर सिर्फ और सिर्फ इस दुस्साहसी घटनाओं का ही जिक्र था. पुलिस और प्रशासन अपनी नाकामी से हाथ मल रही थी. लंबे समय तक लोगों के होंठों पर इस घटना का बखान था.

“अब हम तीनों को लूट का पैसा वापस बैंकों को लौटाना है. मैं इस बोझ के साथ मरना नहीं चाहता कि हम ने अपने स्वार्थ के लिए जनता की गाढ़ी कमाई के पैसों को लूटा. आज हम तीनों स्थापित हैं और इस कंडीशन में हैं कि उन पैसों को बिना किसी आपत्ति के वापस लौटा सकते हैं.” जगन बोला.

20 दिनों के बाद तीनों दोस्त एक बार फिर गेलार्ड कैफे में पार्टी कर रहे थे. सभी न्यूजपेपर्स और चैनल्स पर उन के एडवेंचर की कहानियां सुनाई जा रही थीं.

जगन, छगन और मगन गहरे दोस्त थे. तीनों ही अच्छे खिलाड़ी थे. काफी दिनों बाद वे फुरसत में बैठे बातें कर रहे थे. उसी दौरान छगन बोला, “शहर में नया डेस्टिनेशन खुला है. जहां पर एडवेंचरस एक्टिविटीज करवाई जाती हैं. हम लोग भी चलें. काफी दिनों से कोई एडवेंचर किया भी नहीं है.”

“किस तरह की एक्टिविटीज करवाते हैं वहां पर?” मगन ने कौतूहल से पूछा.

“500 फीट ऊपर रोप क्लाइंबिंग, रौक क्लाइंबिंग, पैरासिलिंग, रिवर राफ्टिंग जैसी कई एक्टिविटीज इन्वौल्व हैं उस में.” छगन ने बताया.

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