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जगन की योजना पर चौंक उठे मगन और छगन

“पहले पूरी योजना सुन लो फिर अपने सुझाव या आपत्ति देना.” जगन चिढ़ कर बोला.

“हांहां, यह ठीक है. योजना बताओ.” मगन हस्तक्षेप करते हुए बोला.

“इस इंप्रैशन से मैं एक डुप्लीकेट चाबी बनवाऊंगा और उस से व्हीकल को औपरेट करके देखूंगा. अगर ओके रही तो ठीक वरना तब तक बनवाता रहूंगा जब तक कि परफेक्ट न बन जाए.” जगन बोला.

“वह तो कोई मुश्किल काम नहीं है क्योंकि तुम्हारे पास फोटो भी है. कंप्यूटर से डुप्लीकेट चाबी आसानी से बन जाएगी.”

मगन बोला, “जिस दिन इस डुप्लीकेट चाबी से यह गाड़ी स्टार्ट हो जाएगी उसी दिन मैं अपना कमरा छोड़ कर दूसरी कालोनी में शिफ्ट हो जाऊंगा. दरअसल, मैं ने एक कमरा देख भी लिया है. उस का मालिक अनपढ़ है. उसे किसी भी तरह का कोई आइडेंटिटी प्रूफ की जरूरत भी नहीं है.” जगन ने रहस्योद्घाटन किया.

“चलो, यह भी सही है. गाड़ी स्टार्ट भी हो गई और तुम्हारी आइडेंटिटी भी गुप्त ही रही. अब आगे कैसे बढ़ेंगे? बैंक तो दिन में खुलती हैं और दिन में तो गाड़ी रहमत के पास रहेगी. तब हम इस का इस्तेमाल कैसे कर पाएंगे?” छगन ने पूछा.

“चाबी बनाना और गाड़ी स्टार्ट करना करना इस योजना का पहला चरण है,” जगन बोला, “रहमत अपनी पत्नी के साथ रहता है. उस के परिवार के बाकी लोग दूसरे शहर में रहते हैं. इस योजना का दूसरा चरण तब शुरू होगा, जब रहमत की गर्भवती बीवी अपनी पहली डिलीवरी के लिए अपने मायके जाएगी. शायद एक महीने बाद ही जाने वाली है. उस समय हम किसी रात को जा कर उस की गाड़ी का साइलेंसर चोक कर देंगे.

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