बातचीत वाली रात फिलिप की तबीयत ठीक नहीं थी. डाक्टर ने उसे कंपलीट रेस्ट के लिए कहा था. खानेपीने के बाद फिलिप ने डौल्टन और उस की पत्नी को सामने बैठा कर बड़ी होशियारी से बात शुरू की. एलेक्स और इजाबेला उस के बगल वाले सोफे पर बैठे थे. उन के चेहरे खुशी से खिले हुए थे.
फिलिप ने कहा, ‘‘मि. डौल्टन, जानते हो मैं ने तुम्हें यहां क्यों बुलाया है? दरअसल मैं स्पष्ट बात करने का आदी हूं. इस शादी से मैं जरा भी खुश नहीं हूं. इसलिए नहीं कि इजाबेला में कोई खराबी है. इस की वजह मेरा और तुम्हारा अतीत है, जिस का एलेक्स और इजाबेला से कोई ताल्लुक नहीं है. मैं यह जानना चाहता हूं कि इस शादी से तुम ने क्या उम्मीदें बांध रखी हैं?’’
फिलिप का यह सवाल इतना अजीब था कि सब हैरानी से उस का मुंह देखते रह गए. थोड़ी देर में डौल्टन ने खुद को संभाल कर कहा, ‘‘मि. फिलिप, जो होना था, वह हो चुका है. अच्छा है, आप ने साफ बात की. मैं भी आप को बता दूं कि कभी मैं भी दौलतमंद था, लेकिन अब मुश्किल से गुजरबसर हो रहा है. इसलिए मैं अपनी बेटी के लिए कुछ नहीं कर सकता. जो करना है, वह आप को ही करना है.’’
डौल्टन की बात खत्म होते ही फिलिप ने कहा, ‘‘मुझे नहीं, जो कुछ करना है मि. डौल्टन आप को और एलेक्स को करना है. आप की बेटी एलेक्स से शादी कर रही है, मुझ से नहीं.’’
‘‘लेकिन एलेक्स आप का बेटा है. इसलिए आप इस बात को कतई पसंद नहीं करेंगे कि वह इजाबेला की कमाई खाए.’’