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जन्नत रात में सपनों की जो दुनिया सजाती, सुबह आदिल को सुना देती. और वह जो सोचता, उसे बता देता. लेकिन अधिक दिनों तक यह सब आदिल से सहन नहीं हुआ. उसे यह बुरा लगने लगा कि वह अपनी खामोशी उस पर क्यों आजमा रहा है.

प्रेम का संबंध तो दिल से होता है और दिल बहुत अनोखी चीज है. उसे मनाने के लिए बहुत कुछ करना पड़ता है. उसे उस के दिल तक पहुंचने के लिए. अब उसे बता देना चाहिए कि वही उस का प्रेम है. लेकिन इस के लिए उसे उस के दिल में उतरना होगा. जिस के लिए अभी उसे बहुत कुछ करना होगा. यही सोचतेसोचते वह फोन के पास पहुंचा और अमेरिका का नंबर मिला दिया.

आदिल अमेरिका चला गया. जाने से पहले उस ने जन्नत से उस के उस प्रेमी के बारे में बहुत पूछा था, जिस के वह किस्से सुनाया करती थी. लेकिन अपने प्रेमी के बारे में बताने के बजाय जन्नत उसी से पूछने लगती थी कि वह किसे चाहता है. तब आदिल कहता, ‘‘आ कर बताऊंगा.’’

‘‘साहबजी, मैं भी तभी बताऊंगी.’’ जवाब में जन्नत कहती.

आदिल के जाने के बाद जन्नत परेशान रहने लगी. वह पागलों की तरह इधरउधर फिरती रहती. जब उस से रहा नहीं गया तो एक दिन चाचा को अकेला बैठा देख कर उस ने पूछा, ‘‘चाचा, साहबजी तुम्हें तो बता कर गए होंगे कि इस तरह एकदम से वह अमेरिका क्यों चले गए.’’

‘‘पता नहीं जन्नत, मुझे भी नहीं बताया. हो सकता है भाई के पास शादी के लिए गए हों.’’

जन्नत ने आंखें फाड़ कर चाचा की ओर देखा. इस के बाद उठी और पागलों की तरह फार्महाऊस के गेट की ओर भागी. चाचा उसे आवाजें देता रहा, मगर उसे तो जैसे होश ही नहीं था.

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