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कार मुंबई के मालाबार हिल के हैंगिंग गार्डन के पास पहुंची थी कि अचानक पीछे से हार्न बजाती एक कार तेजी से आई और बावला की कार में टक्कर मार कर उसे रोक लिया.

रेड कलर की उस मैक्सवेल कार से 4 लोग हाथों में चाकू और पिस्तौल जैसे घातक हथियार ले कर फुरती से उतरे. उन्होंने बावला को धमकाते हुए कहा, ''हम लोग इंदौर से आए हैं. मुमताज को नीचे उतार कर हमें सौंप दो और तुम जाओ. अगर तुम ने मुमताज को हमें नहीं सौंपा तो हम इसे जबरदस्ती अपने साथ इंदौर ले जाएंगे. यही नहीं, तुम ने विरोध किया तो तुम अपनी जान से भी हाथ धो बैठोगे.’’

लेकिन बावला अपनी प्रेमिका को भला ऐसे कैसे किसी को सौंप सकता था. एक आदमी मुमताज को पकड़ कर खींचने लगा तो बावला ने विरोध किया. उस के अन्य साथियों में से एक ने बावला पर गोली चला दी. गोली की आवाज से घोंसले में लौट रहे पक्षी चीखने लगे तो दूसरी ओर मुमताज की चीखें भी वातावरण की शांति को भंग कर रही थीं.

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कभीकभी संयोग भी अजीब स्थिति खड़ी कर देता है. उस समय भी एक ऐसा संयोग बना कि इंदौर का इतिहास ही बदल गया. जिस समय यह घटना घट रही थी, उसी समय ब्रिटिश सेना के 4 सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट जौन मेकलिन, कर्नल सीई विकरी, लेफ्टिनेंट फ्रांसिस बैटली और मैक्सवेल स्टीफन महालक्ष्मी रेसकोर्स के पास के विलिंग्डन स्पोट्र्स क्लब में गोल्फ खेल कर ताजमहल होटल की ओर जा रहे थे.

मेकलिन कार चला रहे थे. उन के बगल वाली सीट पर कर्नल विकरी बैठे थे तो कार की पीछे वाली सीट पर बैटली और स्टीफन बैठे थे. मैकलिन इस रास्ते से थोड़ा अपरिचित थे, इसलिए रास्ता भूल कर कहीं से कहीं चले आए थे.

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