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सबइंसपेक्टर इनाम को मैं ने जबलपुर में फौजी के पास भेजा. फौजी का पता उस के पिता से ले लिया था. उसे भेज कर मैं ने अपने मुखबिरों को लगा दिया कि वह करामत, मुनव्वरी, जाहिद, करामत की पत्नी और उन सब के परिवार के बारे में पता करे.

अगले दिन मुनव्वरी का पति जाहिद एक आदमी को ले कर मेरे पास आया. उस आदमी ने बताया कि उस के एक रिश्तेदार का उस के पास खत आया था कि वह रात की गाड़ी से अपने मातापिता और बच्चों के साथ आ रहा है. अपने उन रिश्तेदारों को लेने के लिए वह कल रात स्टेशन पहुंचा. जिस गाड़ी से उन्हें आना था, वह आई, लेकिन वे रिश्तेदार प्लेटफौर्म पर दिखाई नहीं दिए.

मैं काफी देर तक उन्हें इधरउधर घूम कर देखता रहा. उसी समय मैं ने वहां करामत को देखा. वह जबलपुर जाने वाली गाड़ी में रात साढ़े 11 बजे सवार हो रहा था. उस के पीछे एक आदमी भी था. उस ने सिर पर कंबल इस तरह से ओढ़ा हुआ था कि उस का मुंह दिखाई नहीं दे रहा था. वह भी करामत के पीछेपीछे गाड़ी में चढ़ गया था.

मुझे कल ही पता चला कि जाहिद की पत्नी घर से गायब हो गई है. मैं ने जाहिद को करामत और कंबल ओढ़े आदमी के साथ ट्रेन में सवार होने की बात बताई तो जाहिद ने झट से कह दिया कि उस के साथ कंबल ओढ़े हुए मुनव्वरी ही थी. जाहिद के साथ आए उस आदमी को मैं ने गवाहों की सूची में शामिल कर लिया और उस से कह दिया कि मेरे पूछे बिना वह कहीं बाहर नहीं जाएगा.

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