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राहुल मुंबई न्यूज का एक न्यूज रिपोर्टर था. 23 अक्तूबर को उस का जन्म दिन था, इसलिए वह दोस्तों के साथ पार्टी करने जा रहा था. उस दिन एक तो बारिश का सुहाना मौसम, उस पर यार दोस्तों का साथ मिल जाए तो मस्ती में सोने पे सुहागे वाला रंग चढ़ जाता है. राहुल मुंबई में अकेला रहता था, उस का परिवार कर्नाटक में था, क्योंकि उस के मम्मीपापा वहां एक स्कूल चलाते थे, इसलिए वह यहां अकेला ही रह रहा था.

राहुल पार्टी के लिए अपने दोस्तों को ले कर होटल के लिए निकला. उस ने गाड़ी ओबराय होटल के बाहर रोक कर कर दोस्तों से कहा, “यार तुम लोग गाड़ी में बैठो, बारिश तेज है. मैं जरा देख कर आता हूं कि अंदर कोई सीट है या नहीं. क्योंकि यहां भीड़ तो ऐसी होती है, जैसे पूरा मुंबई इसी होटल में आता है.’‘

जैसे ही राहुल कार का दरवाजा खोल कर होटल की तरफ बढ़ा, अचानक सामने से एक लड़की घबराई हुई लगभग भागते हुए आई और वह राहुल से टकरा गई. तभी वह लड़की राहुल की तरफ देख कर बोली, “ओह! आई एम सौरी.’‘

राहुल ने भी झट से कहा, “इट्स ओके, बाई द वे, हैव यू एनी प्राब्लम? मेरा मतलब है आप इस तरह बेतहाशा क्यों भाग रही हैं, कोई परेशानी हो तो कहिए.’‘

“जी नहीं, कोई परेशानी नहीं है. दरअसल, बारिश की वजह से मैं तेज आ रही थी.’‘

“जी, फिर ठीक है.’‘

इतने में जोर से बादलों की गड़गड़ाहट के साथ बिजली चमकी तो उस लड़की ने डर की वजह से राहुल को जकड़ लिया.

जैसे ही राहुल ने लड़की की नजदीकी महसूस की तो उस के शरीर में भी सिहरन पैदा हुई. एक तो दोनों का जवान खून, उस पर बारिश का कहर ढहाता मौसम था. सीने की धड़कन की तरह पास गोरी चिट्टी परियों जैसी हसीना, रूप की मल्लिका थी. उस का शरीर गुंथा हुआ था. उस की सांसों से सांसें टकराईं तो राहुल जैसे होशोहवास  खो बैठा. वह बुत बना वहीं खड़ा था.

न जाने वह लड़की क्या बोल रही थी, उसे कुछ सुनाई नहीं दिया. उस की तंद्रा तब भी नहीं टूटी जब सामने से वहां टैक्सी आ कर रुकी. टैक्सी में बैठ कर वह उस की आंखों से ओझल हो गई. राहुल वहीं बारिश में ही बुत बना खड़ा रहा. गाड़ी में बैठे उस के दोस्त समझ नहीं पा रहे थे कि राहुल बारिश में खड़ा क्यों भीग रहा है.

तभी गाड़ी में से अमन बाहर निकला और उसे झिंझोड़ते हुए बोला, “ओए राहुल, क्या हुआ यार, वो लड़की क्या कह रही थी? कौन थी और कहां गई ? और तू यहां इस तरह इतनी बारिश में बुत बना क्यों खड़ा है?’‘

“अमन यार, पता नहीं कौन थी, कहां गई और क्या कह रही थी? लेकिन यार बारिश में मुझे वह जलपरी नजर आई. लगता है कोई जादू कर गई वो.’‘

“राहुल, लगता है तुझे उस से प्यार हो गया है.’‘ अमन मजाकिया लहजे में बोला.

“हां यार, शायद पहली नजर वाला, मुंबई की पहली बारिश का पहला प्यार.’‘

“चल अच्छा, अब अंदर तो चल या यहीं खड़े रहने का इरादा है क्या?’‘

“हां चल, मगर कौन थी वो इस का पता तो लगा कर रहूंगा. यार, दिल निकाल कर ले गई मेरा.’‘ राहुल बेमन से गाड़ी में चला गया, लेकिन उस के दिमाग में वह लड़की बस गई. राहुल सोचने लगा कि कल ही इस का पता करेगा और फिर अपने मम्मीपापा से कह कर उस के उस के साथ रिश्ते की बात करेगा.

जैसे ही गाड़ी होटल के गेट पर रुकी और सब उतर कर होटल में जाने लगे तो वहां खड़े वैले पार्किंग के ड्राइवर ने कहा, “सर, आज होटल में एंट्री नहीं है.’‘

“क्यों?’‘

“होटल में खून हो गया है.’‘

“क्या… खून?’‘

आश्चर्य से सब के मुंह खुले रह गए, क्योंकि ओबराय नामचीन होटलों में गिना जाता है. आज तक इस होटल के बारे में कभी कोई ऐसीवैसी बात नहीं सुनी थी. इस होटल में कोई ऐरागैरा नहीं आ सकता था, केवल नामचीन लोग जैसे बड़ेबड़े सेठसाहूकार या मंत्री लोग ही आते थे. भला ऐसे बड़े लोगों में क्या झगड़ा या खूनखराबा हो सकता है.

पूछने पर पता चला कि खून शहर के जानेमाने बिजनैस टाइकून सेठ अवस्थीजी का हुआ, उस पर और चौंकाने वाली बात कि कत्ल उन्हीं की बीवी ने किया था.

“भला ऐसा कैसे हो सकता है?’‘ राहुल सोचने लगा.

एक तो सेठ इतने भले इंसान, उस पर उन्हीं की बीवी कत्ल करे, सुन कर राहुल का दिमाग घूम गया.

सभी दोस्त दूसरे होटल जाने के लिए कह रहे थे, मगर राहुल के दिमाग में कोई खिचड़ी पकने लगी, साथ में उस के मस्तिष्क में यह बात भी बारबार आ रही थी कि बारिश वाली लड़की कौन थी?

इतने में पुलिस की जीप सायरन बजाती हुई होटल में पहुंची, जिस में 2 लेडीज पुलिस भी थीं. थोड़ी देर में पुलिस एक महिला को साथ लिए बाहर निकली और जीप में बैठ कर चली गई. तभी राहुल का फोन बज उठा. उस ने देखा एडिटर साहब का फोन था, उस ने दोस्तों से माफी मांग कर उन्हें फिर कभी पार्टी देने का वादा कर के विदा किया और बौस से बात करने लगा.

“हैलो सर.’‘

“राहुल, कहां हो तुम? इतनी बड़ी खबर पूरे शहर में फैल गई और तुम्हें पता तक नहीं, पूरी डिटेल्स ले कर पहुंचो औफिस.’‘

“सर मैं वहीं हूं, अभी थोड़ी देर में आता हूं.’‘ राहुल बोला.

उस समय किसी को भी होटल के अंदर जाने की पाबंदी थी, इसलिए राहुल थोड़ी ही देर में औफिस चला गया.

“सुना है कि सेठ अवस्थी की बीवी ने ही उस का खून किया? जल्दी से बाकी डिटेल्स बताओ ताकि सब से पहले हमारे ही अखबार में धांसू खबर छपे,’‘ एडिटर बोले.

“नहीं सर, अभी हम ये खबर नहीं छापेंगे.’‘ राहुल ने कहा.

“लेकिन क्यों? इतनी बड़ी खबर, मुंबई शहर का इतना बड़ा सेठ अपनी ही बीवी के हाथों क्यों और कैसे मारा गया. कल देखना हर पेपर के फ्रंट पेज की हैडिंग यही होगी, लेकिन हमारे पेपर में पूरी डिटेल्स होगी कि क्यों मारा उस की बीवी ने, यही तो कमाल है तुम्हारे अंदर. दूसरे पेपर में आधी खबर होती है और तुम जमीन खोद कर और आसमान फाड़ कर जो खबर लाते हो वो तहलका मचा देती है.’‘

लेकिन राहुल उलझा हुआ था, उसे लड़की और मर्डर का कनेक्शन जुड़ा हुआ लग रहा था, इसलिए वह बौस से बोला, “सर, छापने दीजिए सब को, ये खबर आधी सच्ची और आधी झूठी है. मुझे पूरी तरह इस की तह तक जाना है, जो दिख रहा है वो है नहीं, जो है वो दिख नहीं रहा.’‘

बौस यह जानते थे कि राहुल जब तक संतुष्ट न हो वो खबर नहीं देता, इसलिए वह भी चुप हो गए. लेकिन राहुल को चैन नहीं था. वह खबर की तह तक पहुंचना चाहता था. और उसी समय वह पुलिस स्टेशन पहुंच गया. उसी औरत से मिलने, जिसे पुलिस पकड़ कर ले गई थी.

वह एसएचओ से बोला, “सर, मुझे उस औरत से मिलना है, जिस ने उस देवतारूपी सेठ का कत्ल किया.’‘

“वह उन की बीवी है, उन से बिना कोर्ट की इजाजत कोई नहीं मिल सकता. कोर्ट से और्डर ले कर मिल लेना.’‘ एसएचओ ने कहा.

राहुल वापस चला गया और कोर्ट खुलने का इंतजार करने लगा. राहुल का मन यह मानने को तैयार नहीं था कि वह सेठ की बीवी है. और यही बात उस ने बौस से भी कही थी.

उस बारिश वाली लड़की का क्या संबंध था इस कत्ल से? कौन थी वो महिला जिसे पुलिस सेठ की बीवी बता रही थी? इन सभी सवालों के जवाब मिलेंगे कहानी के अगले भाग में.

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