2 दिनों बाद ही उस के यहां विधायक फिर आ पहुंचा. उस के हाथ में एक झोला था. आते ही उस ने मीता से कहा, ‘‘लड़की, मेरे लिए गिलास और प्लेट ले कर आओ. आज पार्टी तुम्हारे यहां और तुम्हारे साथ होगी.’’
मीता बिना कुछ कहे गिलास और प्लेट ले आई. विधायक ने झोले से शराब की बोतल और भुने मेवे निकाल कर प्लेट में रख दिए. उस के बाद बोला, ‘‘चलो, पैग बनाओ.’’
मीता ने बेमन से बोतल खोल कर थोड़ी शराब गिलास में डाल दी. इस के बाद उस ने कहा, ‘‘ठंडा पानी तो मटके का ही दे सकती हूं.’’
इतना कह कर वह उठी और बैग से नींद की 2 गोलियां निकाल कर गिलास में डाल दी. 2 घूंट पीते ही विधायक तरंग में आ गया. बड़ीबड़ी शेखियां बघारने लगा. मौका देख कर मीता ने नींद की एक गोली और गिलास में डाल दी. धीरेधीरे नशा चढ़ने लगा. उस ने मीता के साथ कुचेष्टाएं शुरू कर दीं. वह मीता के शरीर को सहलाने लगा. मीता को लग रहा था कि उस के शरीर पर छिपकलियां रेंग रही हैं. उस ने अपना गुस्सा मुश्किल से काबू किया. पहला पैग खत्म होते ही विधायक नींद के आगोश में चला गया.
सवेरे 4 बजे ही चादर लपेट कर चोरों की तरह वह वहां से निकल गया. मीता ने चैन की सांस ली. कुछ दिन तो इसी तरह निकल गए. बीचबीच में हीराचंद 2-3 दिनों के लिए बाहर चला जाता, पर जब यहां होता तो मीता को उस की नापाक हरकतों से जूझना पड़ता. आखिर एक दिन उस ने उस के साथ मनमानी कर ही डाली.