माइकल गार्नर हीरों की स्मगलिंग करता था. उस के हीरे जहाज से समुद्र किनारे बने पाल गिलबर्ट के रेस्टोरेंट में आते थे जिन की डिलिवरी एक मामूली सी रसीद के जरिए माइकल के आदमियों को दे दी जाती थी. पाल गिलबर्ट ने सोचा कि अगर वह रसीद उसे मिल जाए तो वह पूरा माल हड़प सकता है. उस ने नारमन बन कर रसीद चोरी करने का काम निक वेलवेट को सौंपा. निक ने अपना काम कर भी दिया लेकिन...   

उस की बाईं आंख काली पट्टी से ढकी हुई थी. लेकिन निक वेलवेट को इस बात पर यकीन नहीं था कि उस की एक आंख नहीं है. शायद उस ने वह पट्टी अपनी शख्सियत को रहस्यमय बनाने के लिए बांध रखी थी. वह औसत कद, आकर्षक शरीर का अधेड़ उम्र का आदमी था. उस का माथा ऊंचा और बाल भूरे थे. वह शेरों के पिंजरे के पास खड़ा लापरवाही से च्युंगम चबा रहा था. निक उस के पास जा कर खड़ा हो गया और पिंजरे में बंद शेर की ओर देखने लगा. चंद पलों तक दोनों में से कोई नहीं बोला. आखिरकार निक को ही पहल करनी पड़ी, ‘‘मिस्टर नारमन आज सुबह हमारी फोन पर बात हुई थी.’’

नारमन ने हां में सिर हिलाया और निक की ओर देखे बिना बोला, ‘‘मिस्टर वेलवेट, तुम 5 मिनट देर से पहुंचे.’’ ‘‘सौरी, मैं ट्रैफिक जाम में फंस गया था.’’ ‘‘कोई बात नहीं, मैं बोर नहीं हुआ. जानते हो मैं ने तुम्हें शेरों के पिंजरे के पास मिलने के लिए क्यों कहा था?’ निक इनकार में सिर हिलाते हुए बोला, ‘‘अगर तुम शेरों का जोड़ा चोरी करवाने के बारे में सोच रहे तो बात खत्म समझो. मैं कीमती चीजें चोरी नहीं करता.’’ ‘‘मुझे मालूम है, असल में शेर मेरा आइडियल जानवर है. शेरों को देख कर मेरे अंदर हिम्मत और हौसला पैदा होता है.’’

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