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हारुन ने अपने आप को संभाल कर ढिठाई से कहा, ‘‘ओके, अब तुम बेसहारा नहीं रहोगी. तुम्हारे पास करीमभाई जैसा अमीर शौहर है.’’

‘‘हां, वह बहुत दौलतमंद है. लेकिन उन की दी हुई सब से कीमती चीज यह है.’’ रूमाना ने पेट पर हाथ रख कर कहा. हारुन को गहरा झटका लगा. उस ने हकलाते हुए पूछा, ‘‘तु...तुम सचमुच मां...?’’

‘‘हां, यह सच है. मैं मां बनने वाली हूं. इसी सच ने मुझे बदल दिया है. मुझे अपनी परवाह नहीं थी, लेकिन  बच्चे के लिए तो बाप का साया चाहिए. इसी की वजह से मैं करीमभाई जैसे मासूम और शरीफ आदमी को  धोखा देने से बच जाऊंगी.’’

‘‘अच्छा, वह मासूम आदमी है, तभी तुम्हारे जाल में फंस गया है.’’ हारुन ने व्यंग किया.

‘‘हां, वह मासूम है, तभी उस ने आंखें बंद कर के मुझ पर यकीन किया.’’ रूमाना ने पूरे यकीन से कहा.

‘‘अगर उसे मालूम हो गया कि तुम अतीत में क्या करती रही हो, कैसे लोगों को उल्लू बनाती रही हो? क्या तब भी वह तुम पर यकीन करेगा?’’ हारुन ने पूछा.

‘‘कर भी सकता है और नहीं भी कर सकता. मगर इस से तुम्हें कोई फायदा नहीं होगा. आज से हमारे रास्ते अलग हैं. तुम साइन करो और अंगूठे का निशान लगाओ.’’ रूमाना ने पेन और इंकपैड उस के सामने रख कर कहा.

हारुन ने मुसकराते हुए पूछा, ‘‘क्या मैं इस के लिए मजबूर हूं?’’

‘‘हां, अगर तुम्हारा इशारा रकम की ओर है तो वह मौजूद है. लेकिन इस से पहले तुम्हें मुझे बाकायदा तलाक देना होगा.’’

‘‘कहां है रकम?’’ इस बार हारुन का अंदाज बदल गया.

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